Pak Pranali Vol:1-5 [5 ed.]

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| धो्रै-(यपत्रत्

छ्मि-धिषरी

>५४ | मखं (प्रात्र

ब्रन शिषो यारि चिणौ

कनद्शत्ि्ि दिष्टो पोकओनि शष आनु्र दिषो

४3

४९

दैःमिम्‌ इूनि-दषषटौ ४४ +७, |के गप्र इूनिःधिषटी ५१० | जंत्रष। शिष्टौ ०१० | प्रछितिथोनि (यषा

क।वूनि (्कछत्रत्र

१९२ | (माकथत्र (वज्र

योशक्तितरो (वात्र

०१७ | करे (वष्र

जन्य नेदिटच्छप्-गनां्र-यकद्र (८७ यको) । दिप

शूष

विमु

न यनंयुश व। खाथनि

०४० । हेरी (गानां७ ४४८५ | बर्बर (गीना७

9

मोर्म-गनत्

५४९ | न्‌। (नैनिां§

५४१

98 १

| ५ |

९.

शेषी

दिषु

दिषुष

सामात्रप्मत (नैीनां§

9४

वाप-मममात्र (गीनां§

२५८९

कमन ववृब्र(भानां

29

ददानि (नाना§

२१४५

एुट्पत्र कामो (नानता§

(मां कशत्र-८1नाऽ

२५१

नात्र नित्रामिर (भाौनाड `

८मांमद्व९ (गौनां§

२.४४

ए्-गेनात्न

>

त्रत (गोगां§

२५४

मश्वं (द्मा

५7

कञ1 (र्णीगांछ

२२५

८र्प्लद्र (गाना७

>

ङ्वूनि (गौग†§

दिनृशनौ गाश्च (्नागा$

केके

(मवृनि (नाना

(वेव्र-भुनांभ्र

के

कमेलि (गाल§

मारटमन्र (नीना§

एटिनिञ. भाद्र ९केम्‌ष,+



दधीन कनो नौ

|

२२६.

वनि (नांनांऽ

२२४

व्रमोन। शना

११.

गौखिपनुब्रदरं (नाना

२९७

नब्रभमि (नाना

२.९६

(गकम (भानऽ

पमए्णाङ (गाना§

२२७

ई।व्नि (गौनां७ गरौउदञ् मिष्ट (गानांॐ

अनम्‌ (गानाछ

२२१

यपशनि (भनार

२२४

भ उद्वब्र (भीनां§

गर्बत्रो-गनात्र व्थाव्रांनानि (नोना

२२४

म्नात शैम्वब्रि

२७५

(य्टमब्र (गान!§

०५५

युक-गनात् चू्रो-भना् 6५मकात्र

२२४

नागितरत्रं (गानां§ ,

२२७५

वितरिग्रानी

२३५

(वनन (गाना§

रचन

गुदवदरी ८कनुदिद्रि्रान

२२

यूटेगूधनत्र (शैगा७

गूद्रम्टनि (ववूदिगिग्रन

२७७

एोप्मनोत्र (गाना

11.

२५४

(तानांगै-ुप्नब्र (नीना

(एानाऽ

५५



२७ भ

२७४

[ 9 । दिय

शृ

रिष

, शठ,

भिशनत (भीनीऽ

२७० } (नाड (नन्‌

२४२

हित गोना७ .-

२७४ | मून मानि (मीनार

२४७

बूएव्‌ (गौरा

२५७८ | (मारक्षन्‌ (माज

२४०

कमनो८नोगा

२०८ | मदरन (माखक्षन (गोनाऽ

२88

व्रामरक्रहेवत्र (नीनांऽ

२०९ |कुक्‌ (नाना§

२७९

भिनोनि (्गोनौऽ

२०० |(काश्ानो (नोनांछ

५8९

(कनन्‌ (भाना७

२०० | (रख) (भौन

२8

मानदा (गीनां§

२.७

माङाशनिष्नीनङ

विशकपनागोऽ

+

(मता (गानार

२७ | कलादिहिद (भानांछ



२४५

(मताःकंत्र (वोम

२8६१

;

र” |महवरवानि कवूनि गनाप्र

नित्रायि (भाना॑ऽ



शन्‌ खादयन्र दिक्षा



२८" |नगूनीम्‌ वां खद्रभासन

(गडनम्‌. गगा

२89

खष्ेन्य नै्िटच्छ्टभ्--ण्ष् थक ( ०८ थकोतव्र ) । शषौ विषु वियग

इन

२४५ २8>

२५

शूष

पिपर वाञ्जन

२५८8 | छिग भित्र कमष्ा-ष्न सखन]

२५४

चटित कोष

२५५ | 1छम तरतरां ङगम्‌ बाहे छा २५७ | भरटमत्र यट

२६“ , २९४

२५४ | !एटमब्र कर्मनि

२९>

चिप्र शह

२०१ [|एिभ-(वक््न

२९ॐ

;७प्य अतिपर।

२९१ | ममल सि

स्पिभत्र वन

स्पिमत्र (छिन

|

। छिम-ध्मव्‌ मिग एनरूनिं छास्‌।

| २९>

२९१ /एिम-(क्ेकि

२७०.

२९१ | छिभ-व्रहन

७०

[ ¢

५ ,विश्म्र ङ्क भि छिम-गिक्

' भृष्टा

४.)

विमि

२७०

एप्त (यछ

२७२

२७५

च्प्मित्र भिषट-भाौर

२५

२७५५

प्प्मित्र मरि मा प्रो

२४५९

णििट्मत्र काति

२७०

णिटमव्र ८माश्नटांभ

२५७8

ण्दिभित्र मडि अश्नी

२१०.

एिम-भिष्ष

२९७६

सक्ष-मिे एिमत्र मशि (मरमाश्ट्मर

ण्ठिव्र ($ ट

२७४८५

वृश्चन

२१०

ण््मित्र कटप्ग.

२७१

च््टिभित्र दग

२१५

रित्मव्र शत्रौ

२४१

सिमि-भीक

२१५

ष्प्मित्र मृत्स्न

२७४

एििप्मत्र (भगोती की चमित्र ८माभेन्‌।रे (काथ एिप्मत्र जिनिभौ

„ २७

न्पन्वन्य नंल्िटच्छ्प्--कांनिषर (कोश ऽ खां थक ( ५७ अक्त ) |

रिषि शेकादागौ सानिग्रा , कटे प्रत्र थपन्‌

नोशौत्र.गोनारे कात्र वोशत ए्प्डिव्र ब॑न।दे कात्र करे मावर शैनिम कत्रि

शूष

िषष्



1

२१५

ह्रत्र (काश कदि

२७.>

२१६

भित्रजिं कानिप्र)

१.४२

२१४

जफ््रायि एद्‌ निकौत्र कालितरा

२४.५५

२११

नांत्रांणौ कानिश्र;

२४.ॐ

११

मछर्जित्र कालिद्र वमौ कालिग्रा

२४.8४

३२१४८

अटमवुत्र छ्‌ अटन्‌

२०.९६

कालिग्र षाम।

२१४

मननि श काजिग्र

२५४

मब्रधैषटि कनित्रा

२१०

लांत्रोदताव्र (त-निश्रौज

` छिप्मबर कात्र ग

द (र्ट (काशषङ्रि

(रला क।लिभ्र ` (रीत कनित्रा

शमन कमिप.

२१५५

२४८० (3.4,

|शृव्रमूएणव्र सफ एनश्‌ ; कनिग्र छद निता

२५ ।आौष्‌. चशऽत्रि

२४.४३

२५ २४७ २४१

| > विसुप्

शृष्टौ

रि

शृ

यासि लक्रंदत्र

२५१ | (नांषीनोएवे रेशनिमं दक्षन

२>ॐ

सांस लोक्रभित्र

२५४ | वृङिनि माट्त्र वाक्षन

७०५

नाो-बषम

२४ |छिमव्र मशि मां्-नोक

७,.

भाज कामि

२०> | कटे मात्र केशनिन दाक्षन

७०५

क॑लिकाङा-कात्र



मब्र-मह्‌ भर्शा गाङ्‌

७०५

9

२“ |नाग्िकन-टष-मदं मोत वाक्षन

००२

एिमत्रकोनित्र

२० | हिश्ट्रजौ धत्रं ककत वक्षन

७०२

नश्मत्र खश्नमधुत्र फ अटनम्‌ त प्त्रे यटनश

२७०

य्र-मधूव्र मर्श

२०२

नावश्च थट्‌



२७५

(म॑ने भिर (का

शीररग्रद्र बश्म नरमा



७०७ ।



|

गौपौत्र व्रार व्रक्न

1 ४

टम मिष्ट यश्च

७०७ ७०७



ख ६-मिङ च्िप्मित्र मरि (गव्-म)श्टमन्र

षििध्मव्र काम,

२०८ | गाक्षन

9

यागु .॥ भूथि-कःत की

२२१

८म।-गिश्राज

७० @

जाटषटत्र (भौन

२०१

1126

योत्र मात्र त्वन

२>४ | (रन्‌-(कनं

भटर (ब्रन

२४

मार्ज त्मन्‌ यृष देनिम मौत त्रम

२०७० | कलशश-मातन २०४ । पडे-खक्नि

अ१९म्‌ व्र श्वित्र जिश्रम

(मोती वक्षन

+1 1 |

७०४ 9 %

०39 ७9५

प्च शनैखिटच्छ्छष्--करप्नषै,ए१्‌, (कांश) ७ कोवांव जंि-थकवग (४१ कात्र )।



शृृ्ठी

रिद भन्‌ धिग कनि " मोश्पमत्र करटिए्गरे

|

दिष््

+

शठ

०8 | (अखि कदम

७.८

७३४ | नाब्िट्क्यनद्र एण,

७५८

विमि

[ ॐ

1]

शष्ट

विवंग्

शूष

चौषकनित्र (९18

99

मात्र जङ्ि कावद

ननू रिद्धि धिनि कोवाङ

७9

माद्प्मव्र कत्र

जान्‌ (कांश)

99

कावांव करिका

(टप) कादावे

७५१

शेक्रि-कांवाव

मष्ट (19)

^.

पत्रिश्रारे कांरदौद

4. 1

«५

(उने का॑वाव

५४९४

ङेनिग्रान मारम्‌ (नक गा्नब्र (भगैलोरे (क्रीगजान

७88

कोवांद रउष््रदय्र

98६१

खानूतव्र (क्‌ दन्‌

दैनिणं कोव।द्‌

रुशम माप्त रेश्निने ऊ

५६१

मामे (कांड

सिष्त्र कादांव्‌ कांवाद शरा

मदटमत्र छल- कावद

यीनूद्रप्क्क$षएनु

*98 ॥/ 1

ष््मितर (नगैीनो कवौ

णडिन्‌ भर्त्र (का

कावद भिस

मएनब्र ८क$ करेएनौ ए्प्मित्र रि कौवाव

९५२

फूनरूगिं व्रा

१,

॥॥ 8

मपिन्‌एनै. मक््य-गेकरि

७२४

शोभे कने.

"2&९

कङ्का

#~ (*1।

सान्‌ कटेन,

4.

मष्ट 6 मश्व निकः

७०२

रेःनिग एन.

७९६

भारम देष कावांद वां (कलवा खगम मातर रशि लवाषान ८काश) मरौ मिद्व दत्रकीशनो कवार

ध्म गना डेःनिग मिक कवा कांरांव भत्र ७89

मै! कोदाव्‌

कषंप्मन्र कट ले

8५

मायांणौ कादाव्‌

७8५

मात्र कादाव्‌ भाप &हि कावाव

कविाव्‌ भानि

५8६२

शष्ठ कोवाव

कवीद्‌ धनु

७४३

एधि माप्ट (्गौग

॥ 1.4. १

६४ ७ ॥ 1। | -/- 1|

“ ७७ ७ 9

[ >ॐ9 |]

विव

शौ

विषु

भिकीमाष्ट

५७२

न्त्र शङ्‌

याम्‌-दटे

७७२

गृण

< चक्ष्‌न्न नैद्धिटछ्छ्प्न- (तान्‌) ७ ममक थैकव्र१ (>> यक्त) विष््र

शुष]

रिसुब्र

शूष)

(पन्थाम्‌ (ाम्‌य।

७५९ | करिवर तमशेद्क

नाद्र (कौन)

७५० | छानवर भमन

७७४

ङेएत्र पानूमा

७७७ |आदष्टं नमग

७७९

व्माणित्रे (नूम `

०५७ | (ऊ कि मष्ट का

९७?

नागिटकनं दिद (माम्‌म

०७७ | बट्त्र जाङ



सान्‌त्र प्रमणं

७४१



म्याप्नन्नं नंङ्धिटच्छ्ष्ये--सकम। 8 शरण थैकब्रम ( ७२ थकांव्र )। िषु्र

शूष

भारटनत्र शरक्।

७१> | दुमूत्त्रब्र कट शरणः

७११

८मदभोददमब तक्ष

७१० | गिन्नो शरः

७११

नक्मर्‌ लौत्र रङ्गा

७१२ | लोग्रन्‌ चिः

७१४

यथै. सङ्गप्रा

७१२ | सा शूरिः

७१

शामित्र पटुतर श्वर

०१७ | (नबरूतर शरूछिः

| न ्रिएकालद्र कीं ७>> | ना्रिक्एनन्र खक्छि ७>२ | कमनोटलवु्र र्शगीक

७४8 | कबनांप्नवृन्ग (गनि ` ००8 | कभनाप्नवुद्र कृखिष त्रम ७३९ | कञलाघनवृब्र मब्रवख भान ९०९ | कमलाटनवृत्र एिशै. ७०९ | कबाघ्नवृचर कष्ट

मादमत्र भिक माष्त्र जिच्क्

७४१ | क्मलए्लवुब्र शिक

सानुब विनाटि शष्ट

७०१ | कृर्मलौट्नदूत्र जरमन-व्रक्षम

यानुत्र विचर

७५१ | यल््रदछ.

७०१ | कृमर्टनदृत्र कृट्नब्र कोषं

५१2४ ॥ 11 .#

[ > शषौ

विषप्र

विष

यमम अटव्क्ष. थर शनिष्दप्र (अंग्रविग्रिग्रान

७०८ | ठंदीन्‌ ४०8 | खहेब्िगै दै

(दश्शटनत्र क्छ दक्र

8०8 | हैलिन कष

कमि

8०० | हिठत्र बण

`





छङ्‌्दरन्नं नचिटच्छ्कम्य-अष्न, जाात्र 8 एाहिनि -थर११ ( ४०8 कात्र )।

विमु

शूष

8>७ | शौक) (रटणे्र एपिनि

89

४8 | पर्थू (नवत्र बिंब

89

8>8 | योक्त्र यंत्र

892

„ ४>४ | (ोशत्रात साित्र

८२०

शुष एिनिभीर

पडे

(षान

(भौनोौनौ पे पे (वुमन

४२८ | (लवृत्र साट

६२०

परे देण, परे शष्कोष्ै मोपा कु

४५८ | विनाजौ जामत सौत्र

8२५

४>५ | कए] नह्त्र वात्र

8२५

दह-शठि नि

९०७ |नोदिप्र्र याम

४२५

(पान गश्द्रा

४०७ | खाटमेव्र मिटे यात्र

8२५

(वान वष

४०७ | याटमव्र हिनृहनो यापन

8

कमन्‌। (नवृत्र यष्षन नात्र षएएिमि

९>७ | किप्लत्र खोए ४>१ | किमनिध्व्र बाणित्र 8>१ | (वश्रीत्र सात्र

त्रात्रे एषिनि

8>१ | कूटनव्र खाणत्र

8२8

ल(क़ एनव्र सष्वन

४३१ | (दृ्टनब्र योत्र

8२8

निष एमि

४५४ | माननरप्मत्र बितर

8२४

^, 89४ | मुरजिन। कुटलद्र य़

8२४

विनि खमिषत्र एषनि

कि यएमव्र प्वीन

श्य 8२५७



[ ॐ8 | ५/1}

` देक

दिषृप्

नष्ट

मजिन एंनिग्र षत

हिर

भिोनफे न्क्व खर्धत्र

8४२

अट्मिन्र सन सोए

8२४

८छद्प्नद्र एमि

ङेहट्एत्र खोद

४२९

खाट्मत्र सत्र

$ धेने

एाम्रात्र यात्र

8२४

सका ऽ गहत सात्र

8७%

जट्मत्र भिए। खां्त्र

४२४

छम याप्यव्र यात्र

8५१

(नवत्र सोत्र नादिप्कएलव्र यी

8२१ 8२१

(नवुत् वर्म (नबूत्र खातर

8२१

रारे म्॒विबब्रषषिनि खम खेवा यामछ-मङ्एनदव्र णमि सति-गट्र णनि

(पि यामव सात्र

8२१

ना्रिटकनि कृटमत्र यात्र

8२०

विनाङि खामत्र एटि.मि

8२४

शूरिनीत्र एतनि

8३२४

कमलां प्लदूत्र एतनि

४२>

मिष्ट खाजत्र एटिनि

अलब्रषषटिनि

8२५

मिष एषिनि

आलूटवोगगरात्र एषिनि

8५५

क| खोटमव्र एापिनि

8७५

वष्र (गना

8७9

ख)एमत्र मिष एषिनि गकाप्नृटने्र विष्टे एषिनि ८छु्एनत्र खद्गमशृूव्र भनि

४99

४७७२

(नेदृकत्रि। व। सोब्रकल्नव्‌

883

8७२ 894

शकृ] समत्र मधूत्रिका गूुकि

हानि व्वरदात्रौ

[-}

जीन कांदटनि

कय्रपदप्लत्र एठनि

8७8

(ऊट्व-कहनिं

(शनाशजप्मन्र एषटिनि

898

(गीटि। काद्नि

यअनोरएणव्र एमि क यापन हनि

४७&

(वो-कांरनि

8७8

आमिमष्

एषि

हमार ठनि अवि तालम एषि कए1 याप्मत्र मदिर दुष एतनि

~

सपत्र यत्रषएषिनि गोँक कनोत्र एफनि

8७७; 896. 8 षे

8 8४ 8}

पष-डेगिम्‌ खि्निव्र नि

89 8>

वरमप्नााठ्‌ (वनानैश्व्र खममौग्र सश्न

8८५ ४४ 88% 87

88५ 889

889 88२ 89 883 #

|]| ॥ -,

88७

[ ५

}

शेषौ

किषप्र

रेकू-मिई। सयू ७ लोा८०३ मिद

88&

मननात ग्र

88

88७

सलुटश वद्र ङन्‌

88ॐ

न्‌ू माटकद््‌ वरोग्रड)

88७

(नेषष्तनाव्रषफिनिं

9887

साप्मत्र नामि

६६१

खातर रिनिंरी एषटैनि

8९५

कुमकंश्र

88१ |व्रमभुखवषलिनि

(न्‌ सत्रं

9९१

नौ {ब्रन

8९9

क) (रुन जत्रा

४६१

(कालोनी

६८२

अिद्र मिं कक्िग्

8४५

ककम फुटनव्र ख

8¢२

कू

88४

(भदत व्र्मव्र अश्न

४९२

विष्पु

1)

भृष्ट]

एदिनि

8६४

नद्धिटच्छछष्ट-गोभरम, वांदरि, करव्र8 शषटेक चंकदुः ˆ 99 `ल्ैकाब्ु)।

विषृ्

विरम

शुष

कांजिनौ ष्लत्र श्रम

8९७ , खकु ल॑नो शौद्रम्‌

४८४

छत्र भौत्रन

४९७ | ग्र॑दि

६८

निषट्वर गीग्रम

४८१ | व्रश्त्र व! संवष। उविषि

88२

नाचिट्कटलब्र भावन.

४८५ | क्छोब्र

868>

सवित भौग्रम

४८१ | शिष्टेक

8०

षनात्र भ्रम

8९४

(रववाणुन्नं नच्िटच्छ्ष्क- -गषा-थकव्र ( ५१ यकव

दि

शष्ठ

विषुप

शृ

भेषु

४८

1

(व्रजत वा ७ गीनौत्

४७६

कि



षा श्र अनीलौ

8४५१

मि

8१&

भिषट-खंवा

४७

मत्र शौ

8 १७

कै, मादन, षि, (वान शेटापिं

,8७ , शवद्राक्रते चछ

2 १५



%

{ > भृष्टी

दिष्ुप्र कि,

,

भणि

सत्र->७ (वरीश्नौत्र ऊख छश्-]ड कृषि

विविप्र

नृ

४०० [ भिक्षि ७ मोश्र माद्र यूष

वनि 4। क्र शूछि एष (गिक

भश्ट्मब्र वव. (वनवद

|

०8५० .| भूदत्र युष 8४० दिष्क ७ शछगेनित्र (बीन 8४५ कौ स्मि 89 ए]-खिमि 8४.

६०७ सकरम)

(मोत्रकद।

(2 11261 (लमध्मछ. घ्र ए््व्मित्र मब्रदड एप्मैत्र कन शरक्षखोग।नि ब्‌ भाप्मव्र (कीन

(टेर्निंङक। (गव्ब्र खंड

डीरगेए) क़ि ७ गकर ऽभत्र 7 ५१ €भैतर। ८य२

नांत्रिप्कन-थछ नात्रिटकन जवम्‌ मद्तत्रषुव

8>र

कविब्र (कान € हशिप्ड नाक वाकर-यट्दात्र याप्त्राखन

२१.

शूत्राङन एनकूमछ़। § सख्छएएगब्र छख

भौश््मन्र युस

89

8>७ €>8 8४४ 8>8 ९२९ ४०७ 8२१ ४२१५

गुम्‌डोत्र-एौनन्‌ गृनृजन्र व

छ्मि७एटणत्र कन छिमि ७ (गाऽव्राडिन्‌ दष! ७ मणिर -यूढ्‌ य्मि खंशरण॑ मृतरगोत्र मशकं उश. अमत्रम्‌

भेत भीप्नो शूत्रीखन चण

भूव्राखन धुर ८नबू (व्रा-विष्णैतव ग॑वागेथा थोक-जदा-ममडेदर €्शोवनौ

नेद्विभिषटे। ठभैवरशोत्र

¢ 9४ & > ६9४

&9४ (1,

१२२

छेशंकभ निक ख्छेब्डव थान रेखिरशम यानान्‌] कव्रिटन (कथिग्ड भा ऽपर!

सोप्र, खां विष्ठां छौग्र वटत्य वृक्ृन-वि णांव्र ममर्षिक जिवुक्कि मश्मोर्वि ररेश्रा्टिनि । घांयौ-कषविधेम वूरित्रािप्नन, गांनद्वत्र दन, वृष्ठि द्‌ गतुम, खांशप््रव्र छेगत्र मन्मूरणं निर्खब्र कब्रिग्रं शाटक । वचन छङत सराव ठवापि निक्त ७ शौक र्-वादष्। विषटस, विद्मसक्र श दुकगिड। मर्मन कव्ध्रं रत््रोटन। वमन कि, (कान्‌ छिथिष्ड

(कान्‌ खवा यांगोदफतव चोट छेशंदयांनै,उोर्‌।- नि्कीएन कब्विपरा, बकन) दिष्ठा अक्घ-८मोद क्रिप्ड ऊकद्नि कट्वन नाहे । शृथिदौव्र मवा थोग मकन जाडिन्र यांर्‌)व्र-मषटक यांएनांएन। कत्रिघ्न, (परशिट्ड गौऽग्रं यार ८य, (तदशव्रकडि 4व९ मखाजोव्र॒खङ्रवांग्रो भटणत

ववष देष) था॑घ्क।

«खं चोर खिन्न खिर (पट्नं द्‌] छिप्र ङिन्न जोखिम

अटवा, शौक-कवा-निदीषएन ७ दरक्षन-भड गशैीर्थका (तयिल्ड गंड्ग्र द्र । «ङे शीर्थका अङ्रमोदव्र मद्रषा-खाखि यक क्‌ यकांद्र शट जञा ररे शाटक । सखछ, 4क खोखिव्र वीण-क्ट्वा अद खोांखित्र उड क्ररि-खंन्‌क भवि (थ या्र न्‌ । कनः, (पत्मव अकृडि-(छटं € (नाटकब्‌ कृषि

अद्रनादव्र शाण-वदा निरदएन्‌ 8 गोटकब्र दवष शरेटड (सद। वांब्र । भांकदिरत्र ममाक्‌ खान न शाङिट्मे, शाण-लवा (कोन-मष्डशे व्रमनांत्र ङशि-

ठेग॑क्मिका



क्त्र क्त्‌ सांग्रन्‌।। अणुथव, याशो व्रकन-विष्छाद्र चेप्रडि ङ्प्र, रष्क यषदान्‌ ₹७ग्र/ धका सवक



प्यांगोटतत्र (पटने श्रू-नां द्रौ -त्रैपनैवर छेनैवु वुक्नन-कोटषीवर मन्थूर्म छात्र यर्निड याट;

छ॑राव्र खडि नैविदखोप्व ब्रकृन-कोर्वा मोष

कविद्रो

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ऊीरोद्र शौष्र रद्छ वक्षन कत्निप्र| शमो 5 वाकौप्र-शखनःट्क जोत धेप्‌।न्‌ कव्िदिन (य्‌, कि टव 8 न्रित्छाप्व्र कांत्रनं ङ्प्र, छाश! कंशाग्र दलिष्र

(नष कवरो यांग्रन्‌। भनक्त्र, (य वाक्छि चौ-शरूल ७ ककरा-श्रदणैव्र संक मर्ददत्‌। ®करवर गव्रिथेम कव्रिद्टष्टन, छनि यरि श्रं जांमिग्र, (मरे वि

दाव्रवर््ब्र यकन मू निबौक्रम्‌ कट्व्रन 4दः ज्गौ, कक्र। ॐङ्छि (स्रटर्व॒ 9 योतटव्रव्र अख्गि-नि यरि च-ङ्ट्छ खड

छेगाट्तश्र शोंण-खवा-नमृष्‌

नगर, छात्र (मवार खंछ ठेगविषट धोरकन--यांर्‌। ! रकर्मधिन्‌ (कान्‌ यीं कनद यड एूव न) स्र ;--(कोन्‌ वाक्छिव्र भूद रोमि (पथा नां बंपर व्र

८कोन्‌ मूत्र अशःकतट ककर ७ गवि खोद छेमौभिर न्‌ द्र ! ८मडे छानदान्‌ दाक डवन द्रद्वव्र खांभो ब्र;डिनि बड्ड एिा-नीष्िर र्ठेन न (कन्‌, छोर दादगांद्र कृकी! € खेत्रि-नांप्डव॒ खं, छनि ष-र्‌ छे

षरृत्ड रांखिग्र। निप्र नरेट्व्‌ । छाखिटन, छर! अटगेक्कांकृङ किन शट । केव वापामौ शव्रःण खोले ररेटन, जार खान ररेट्ड नागान घांवशक।

थेन्‌, छर्‌ एय एम षद कृषि लङेव, शष्व्र॒कोनिग्रां दधिष्व । (कङ्‌ (कर्‌ अःवाव्रपौडेन-वांवर मकं शैवरम-ममन।- भांथोक्ेषां शाव्कन्‌। (ष निग्र्म कोनिघ्रा गकं कव्रिप्ड शृेष्व्‌, ड।₹। निशि शरैट्ड् ।

छेगेकव्र्‌ ७ नैव्रिगामे ।--रष्किड गटेन-थ७ थक्‌ (मतर, धु # «ङ्‌ ८गोप्रो, षटन्‌-वां। एरर (जान), ाग-दांगि। एर (रान), (षटो$-लनाए सक जना, परीकषिनि (क्छ जान),८रख-नांज) यशौमि, नद्य -वाि। एति जान्‌, नवने शब्रिमिङ, श्ब्िख। दा खां१ (डंन।, कन पांव (मन॒ ।

शोक्-गीप्व शङ ख्ंटन एष 8 ; शौक्र यांमिटन, जात्ड मगरषो्र वापन।-भगनां दः त्रत्रम-गमन्‌व्र खद्षक्‌ र्रप माण्ड नाखिट्र छ्‌] कषर नीनूटए धव्रदनेव्र र्देप्न, खन एनिग्रा परौ ! खाटन खन ङृिश्र| यांमिटन

शरूदई-व्रक्िड रष्किरु पोदेन-म्यूक नेव-थ७ एंनिष्रा पऽ । अक्‌ कर युष यांमिटल, नदम्‌ शिप्रा वक-वाबर नछिपरा-रोखिग्र, शौक-गोंद्यनव्र मू एौर्पर ब्रश) यथन छर्‌] मिक देष खन गद्िषर नए रेभ आंमिदव, उयन्‌ खदने वरम-ममन एोनिग्र भिप्राखोद्र यक-दांव्र नाखि एचि

नामरेग्र नदेव्न-रे, कट गांजोत्र कांनिग्रा शोक इरन ।

नटछटव्नेच्च चनैन 1 खेनक्दरन ७ नद्रिमा ।-शफीन

4क (म्र, भद प्ररे एक, चु 4क (गोपरो, नद्‌१ एर (जान, नदामि एदे प्ठाना. सौगरामक्रिहि वार जक (छान, नकत हे यान), (द

ना प्ररे आन्‌), पाक्षि परे चान), (रुख-नब षट शोनि, र्दरिय। वपन आद्‌ (डान, ल] थद्‌ खन भद्रिषिछ । ए, ैेपव्नब्र शरोप्प्रब नौलद््न (शमां यंभ 4 2 1

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भेट धडएन किप दाक्चटनद्र (न॑स्‌ अददाद शके एकक बुर रिन एगिप्ड गोष्ठ ।

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किडोयर भगिषष्णं

रहे भूव किब्तसनं (भीनांकांव्र खट्व कोषठिग्र। ८रनिघ्द । चवटेक्रभ्‌ निग्र कात्य, मभूपौम्र ग॑तीन नि श्रित कब्र खंटन धेम नकेए्व । थन्‌, गौक्-गालं खांटन एाङेष्रा, खदक्षक-शद्विमांन्‌ शुर एोनिघ्र निद्वं वव्र ठेरौव शौखं। भब्रिष्र| जाँमिव्न, जंशेट्ठ ॑तीन-७नि निप्र तिप, सन्न

मोयोग्र रोक

शोांख्ट्त्र ङ्निग्र व्रारिघ्व । शेष्व, (म धरपड अक्षकं

(रुखं-नांड, जटक्षक यनात

॒पौन। वव्र अदक्षक नवकं शिप्ं नाष्ि्व।

खएन दा्रभौ ध्र्णत्र ददेप्रो खोमिदन, मभृोप्र वांनि-मगन। दः एषि एोनिष्र, अनदद्ररु नोष्प्व, खोपन चछेशोव्र दापौमौ ध्व्णेव उष रटे,

‰-भैक निर्ग ररेट्ड शोकिट्न, रोर्ड खन पिरदे नयत मूय एदि व्राथिट्व। खअन्न्क१ खोट्न शौकिट्ल, शृषटित्ड शांङिट्व, थन एोंकनि-शौमि शूनिभ्र] रच्किङ शे ननि जारघ्ड एोनिग्र गिर, जांवाब भींक-शौटबत्‌

मूर एकश व्रौरिघ्व । अन्त्र . छरांत्ड, नवमे श्र सक्वाव्र॒ नाखि खिर ग््वि। मिक र्देश्रा खांमिद्न थव कन ब्ग, थक्ृ-शृटक (भौ दष्व्र रुदन, खदमिट श्ेतम-ममना िष््-न्-खोटव वांछ, अवनि धृट निप्र, वाक्षट्न एानिग्रा कि, वकदांत्र नांणिम्रा-रोखिप्र खान ररेद्ड शौक-भौलषि मागार व्रोरिद्व। नेमन्र मिनि शेद्व छर्‌] श्गिट्दसण कबि । «हे कौलिष्र] बरकषन-मश्टक कट्म्रकटि कथो