चन्द्रयान उत्सव : चन्द्रमा पर भारत [1.8HS]
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कोड

1.8 एचएस

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17-10-2023 8.10.12 PM

अक्तबू र 2023 अि न 1945 PD 1T RPS

© रा ट्रीय शैिक्षक अनुसध ं ान और प्रिशक्षण पिरषद् 2023

िवषय

चंद्रयान उ सव

1.0

1.1

एफ

हमारा चद्रं यान

1.2

पी

मेरा यारा चदं ा: रानी की खोज

1.3

एम

चद्रं मा पर भारत का अिभयान

1.4

एस

चद्रं यान: चद्रं मा की ओर यात्रा

1.5

एस

1.6

एस

भारत के चद्रं िमशन की खोज चद्रं मा की ओर और उससे आगे

1.7

एस

भारत का चद्रं िमशन: चद्रं यान-3 को जान

1.8

एचएस

चद्रं मा पर भारत

1.9

एचएस

भारत का अतं िरक्ष िमशन: चद्रं यान

1.10 एचएस

चद्रं यान-3 की भौितकी

अपना चद्रं यान से संबंिधत गितिविधय म भाग लेने के िलए: िविजट कर: www.bhartonthemoon.ncert.gov.in प्रकाशन प्रभाग म सिचव, रा ट्रीय शैिक्षक अनुसंधान और प्रिशक्षण पिरषद,् ी अरिवंद मागर्, नई िद ली 110 016 द्वारा प्रकािशत तथा गीता ऑफ़सेट िप्रंटसर् प्रा. िल., सी–90, एवं सी–86, एवं सी-86, ओखला इडं ि ट्रयल एिरया, फे ़ज़–I, नई िद ली 110 020 द्वारा मिु द्रत ।

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अिधक जानकारी के िलए: ईमेल: [email protected] पीमईिवद्या आईवीआरएस: 8800440559

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चंद्रमा पर भारत उच्‍चतर माध्यमिक स्तर

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चद्रं यान उत्‍सव

चंद्रमा यह शब्द कितना आकर्षक है? क्या आप सहमत हैं? आइए इस पहेली को पढ़ें कुछ ग्रहों के अनेक होते हैं, लेकिन हमारे ग्रह का के वल एक है। यह सरू ्य ग्रहण का कारण बनता है, जब यह पृथ्वी और सरू ्य के बीच में आ जाता है।

चद्रं मा क्या आपने कभी सोचा है कि पृथ्वी के बाहर भी जीवन है? क्या चद्रं मा पर रहना रोमांचक नहीं होगा? अब सबसे महत्वपर्णू सवाल— क्या आप चद्रं मा पर जाना चाहते हैं? वैसे आपकी जानकारी के लिए बता दें कि ऐसे लोग हैं जो चाँद पर रहने के तरीके खोज रहे हैं। तो, अपने स्पेससटू पहनें और द स्पेस एक्सप्रेस में अपनी यात्रा के लिए तैयार हो जाएँ।

चद्रं यान

चद्रं यान मिशन विशेष रूप से चद्रं मा की सतह का अन्वेषण करने के लिए डिजाइन किए गए हैं। भारत के चद्रं अतं रिक्ष कार्यक्रम को ‘चद्रं यान’ के रूप में जाना जाता है। यह एक संस्कृ त शब्द से लिया गया है। चद्रं जिसका अर्थ है ‘चद्रं मा’ और यान इसका अर्थ है ‘शिल्प वाहन’। भारतीय चद्रं अन्वेषण कार्यक्रम चद्रं मा की खोज के लिए भारतीय अतं रिक्ष अनसु ंधान संगठन (इसरो) द्वारा बाहरी अतं रिक्ष मिशनों की एक सतत �ृंखला है। भारत का तीसरा चद्रं मिशन चद्रं यान-3 चद्रं मा के उन क्षेत्रों पर प्रकाश डालता है जिन्हें अभी तक खोजा नहीं जा सका है जैसे कि चद्रं मा का दक्षिण ध्वरु ीय क्षेत्र। क्या आप जानते हैं कि चद्रं यान-3 मिशन कितना विलक्षण मिशन है? वैज्ञानिक दृष्टिकोण ने आपकी जिज्ञासा को अवश्य जागृत किया होगा। मझु े यकीन है कि आप चद्रं यान-3 के बारे में और अधिक जानने के लिए उत्सुक होंगे। 2

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चद्रं मा पर भारत

चद्रं यान-3 में एक स्वदेशी लैंडर मॉड्यल ू (एलएम), प्रणोदन मॉड्यल ू (पीएम) और एक रोवर शामिल है, जिसका उद्देश्य अतं रग्रहीय मिशनों के लिए आवश्यक नई प्रौद्योगिकियों को विकसित करना और प्रदर्शित करना है। लैंडर में एक निर्दिष्ट चद्रं स्थल पर सॉफ्ट लैंडिंग करने और रोवर को तैनात करने की क्षमता है, जिसने इस अवधि के दौरान चद्रं मा की सतह पर यथास्थान रासायनिक विश्ले षण किया। लैंडर और रोवर के पास चद्रं मा की सतह पर प्रयोग करने के लिए वैज्ञानिक पेलोड हैं। पीएम का मखु ्य कार्य एलएम को लॉन्च वाहन इजं ेक्शन से चद्रं मा के 100 कि.मी गोलाकार अति ं म ध्वरु ीय कक्षा तक ले जाना और एलएम को पीएम से अलग करना है। इसके अलावा पीएम के पास मलू ्य वर्धन यानी वैल्यू एडिशन के आकार में एक वैज्ञानिक पेलोड भी है जो लैंडर मॉड्यल ू के अलग होने के बाद संचालित हुआ है। चद्रं यान-3 के लिए निर्धारित किया गया लॉन्चर एलवीएम 3 एम 4 है।

स्रोत— www.ncertofficialyoutube.com

चद्रं मा— पथृ ्वी का सबसे अच्छा दोस्त

अतं रिक्ष में हमारा निकटतम पड़ोसी चद्रं मा पृथ्वी का एक प्राकृ तिक उपग्रह है। यह हमारे ग्रह का एकमात्र उपग्रह भी है। सरू ्य के बाद यह आकाश में देखी जाने वाली दसू री सबसे चमकीली वस्तु है। चद्रं मा का अपना कोई प्रकाश नहीं है। इसकी देखी जाने वाली चाँदी-सी चमक के वल सरू ्य के प्रकाश के कारण है। चद्रं मा का गरुु त्वाकर्षण पृथ्वी के गरुु त्वाकर्षण से छह गनु ा कमजोर है। यह इतना कमजोर है कि इसमें कोई वातावरण नहीं है। यही कारण है कि हम चद्रं मा की सतह पर ध्वनि नहीं सनु सकते हैं। 3

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चद्रं यान उत्‍सव

चद्रं मिशन

क्या आप जानते हैं?

ंू आपने विभिन्न अतं रिक्ष मिशनों के बारे में सनु ा होगा। अतं रिक्ष यात्री चद्रं मा पर कै से बात करते हैं? चकि सतह पर कोई वायमु डं ल नहीं है, वे रे डियो क्या आप उनमें से कुछ के नाम बता सकते हैं? अब, चतरद्रं ं गमाों केकीमाध्यम से संवाद करते हैं। अतं रिक्ष मिशन जो चद्रं मा और उसके पर्यावरण के बारे यह पृथ्वी से लगभग 3,84,400 किमी दरू है। में जानकारी एकत्र करने के लिए बनाए गए हैं, उन्हें चद्रं मिशन के रूप में जाना जाता है। ये मिशन न के वल वैज्ञानिक उद्देश्यों के लिए हैं, बल्कि चद्रं मा के लिए मानव यक्त ु मिशन सहित भविष्य के एलएम की योजना में भी उपयोग किए जाएँगे।

चंद्रमा की सतह पर सफल लैंडर मिशन मिशन का नाम

सच ं ालक

लॉन्च की तारीख

लैंडिगं की तारीख

लनू ा 9

GSMZ लावोकिन (रूस) 31 जनवरी 1966

3 फ़रवरी 1966

सर्वेयर-1

नासा (यएू सए)

30 मई 1966

2 जनू 1966

Chang'e 4

सीएनएसए (चीन)

7 दिसबं र 2018

3 जनवरी 2019

चद्रं यान -3

इसरो (भारत)

14 जल ु ाई 2023

23 अगस्त 2023

रॉके ट— एक अनसु धं ान वाहन के रूप में

यदि आप बहुत लंबी दरू ी की यात्रा करना चाहते हैं तो आपको बस, रे ल व हवाई जहाज आदि जैसे वाहन की आवश्यकता होती है। इसी तरह, यदि आप हमारे ग्रह पृथ्वी के बाहर जाना चाहते हैं, तो आपको रॉके ट नामक एक अतं रिक्ष वाहन की आवश्यकता होती है। एक बार जब कोई रॉके ट पृथ्वी से उचित उँचाई पर पहुचँ जाता है, तो यह उपग्रह या अतं रिक्ष यान को छोड़ देता है। प्रणोदक या प्रोपैलैंट रॉके ट को पृथ्वी की सतह से दरू ले जाने के लिए पर्याप्त ऊर्जा देते हैं। पृथ्वी के गरुु त्वाकर्षण के खिचं ाव के कारण, बड़े और भारी अतं रिक्ष यान को विशाल रॉके ट और बड़ी मात्रा में प्रणोदक की आवश्यकता होती है।

चंद्रयान-1

चद्रं यान-1 को 22 अक्टूबर 2008 को भारतीय अतं रिक्ष अनसु धं ान सगं ठन (इसरो) द्वारा लॉन्च किया गया था और अगस्त 2009 तक संचालित किया गया था। चद्रं मा की सतह के रिमोट सेंसिगं अवलोकन के लिए इसे डिजाइन किया गया था।

चंद्रयान-2

चद्रं यान-2 को 2019 में चद्रं मा की सतह की संरचना में विविधताओ ं के साथ-साथ चद्रं मा पर 4

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चद्रं मा पर भारत

जल के स्थान और उसकी प्रचरु ता का मानचित्र तैयार करने और अध्ययन करने के लिए लॉन्च किया गया था। चद्रं यान -2 एक समग्र मॉड्यल ू था जिसमें तीन घटक शामिल थे— चद्रं ऑर्बिटर लैंडर का नाम विक्रम रोवर का नाम प्रज्ञान प्रज्ञान को विक्रम लैंडर के अदं र रखा गया था । विक्रम की लैंडिंग के बाद प्रज्ञान को चद्रं मा की सतह पर रोल आउट होना था। चद्रं यान-2 को 19 अगस्त 2019 को चद्रं मा की कक्षा में प्रविष्ट कराया गया । जबकि ऑर्बिटर मॉड्यल ू चद्रं कक्षा में बना रहा, समग्र (कंपोजिट) अतं रिक्ष यान ने 6 सितंबर 2019 को विक्रम लैंडर की लैंडिंग करवायी। लगभग 2.1 किलोमीटर की ऊंचाई पर, ग्राउंड स्टेशन से इसका संपर्क टूट गया। कुछ हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर त्रृटियों के कारण विक्रम की लैंडिंग सफल नहीं हो पाई। हालांकि लैंडर खो गया था, पर ऑर्बिटर अभी भी चद्रं मा की सतह की हाई डेफिनेशन इमेजरी को वापस भेजने के लिए काम कर रहा है।

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चद्रं यान-2 के घटक

रोवर ऑर्बिटर क्राफ्ट लैंडर क्राफ्ट चित्र 1: चद्रं यान-2 के घटक

चद्रं यान-3 का प्राथमिक उद्देश्य चद्रं मा के दक्षिणी ध्वरु ीय क्षेत्र के पास विक्रम लैंडर की सॉफ्ट लैंडिंग करवाने की क्षमता का प्रदर्शन करना था; जहाँ अब तक कोई भी देश पहुचँ नहीं सका। चद्रं मा की सतह पर प्रज्ञान रोवर को पहुचँ ाना था। माननीय प्रधानमत्ं री श्री नरें द्र मोदी जी ने इस उपलब्धि के लिए इसरो को बधाई दी है। आप कोड स्कै न करके आधिकारिक वीडियो देख सकते हैं— चद्रं यान-3 मिशन विभिन्न चरणों में आयोजित किया गया था, जिनका अनक्र ु म नीचे दिया गया है। 5

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चद्रं यान उत्‍सव

विभिन्न मिशन चरणों को निम्नानसु ार वर्गीकृ त किया गया है— अर्थ सेंट्र‍िक फेज फेज 1

• • •

प्री-लॉन्च फे ज लॉन्च एडं एसेन्ट फे ज अर्थ-बॉउंड मन्यूवरे फे ज

लूनर ट्रांसफर फेज फेज 2



ट्रांसफर ट्राजेक्‍टरी फे ज

मून सेंट्र‍िक फेज फेज 3

• • • • • • • • •

लनू र आॅरबिट इन्‍सर्टेशन (एलओआई) (फे ज-3) मनू -बॉउंड मन्यूवरे फे ज (फे ज-4) पीएम एडं लनू र मॉड्यल ू सेप्रेशन (फे ज) डी-बस्‍ट ू फे ज (फे ज-6) प्र‍ी-लैंडिंग फे ज (फे ज-7) लैंडिंग फे ज (फे ज-8) नॉरमल फे ज फॉर लैंडर एडं रोवर (फे ज-9) मनू सेंट्र‍िक नॉरमल आॅरबिट फे ज (100 किमी सर्कु लर ऑरबिट) फॉर प्रपल्‍शन मॉड्यल ू (फे ज)

स्रोत: isro.gov.in रोचक तथ्‍य

नील आर्मस्ट्रांग 20 जल ु ाई 1969 को चद्रं मा पर कदम रखने वाले पहले व्‍यक्ति थे।

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चद्रं मा पर भारत

चित्र 2: चद्रं यान-3 का त्रिआयामी दृश्य

चद्रं यान-3 मिशन एक उल्लेखनीय मिशन था और इसने भारत के लिए अतं रिक्ष में इतिहास रच दिया। इसरो ने किया लाइव प्रसारण य-ू ट्यबू और चद्रं यान-3 की लॉन्चिंग को साझा किया। आप सभी वीडियो को आधिकारिक रूप से देखने के लिए नीचे दिए गए कोड को स्‍कै न कर सकते हैं।

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चद्रं यान उत्‍सव

क्‍या आपने कभी एक अंतरिक्ष यात्री बनने का सपना देखा? भारतीय अतं रिक्ष अनसु ंधान संगठन स्कू ली बच्चों को अतं रिक्ष प्रौद्योगिकी में बनिय ु ादी ज्ञान प्रदान करने के लिए “यवु ा विज्ञानी कार्यक्रम– यवि ु का” आयोजित करता है। खगोल विज्ञान में यवु ाओ ं की रुचि विकसित करने के लिए आयोजित यह एक वार्षिक कार्यक्रम है।

गतिविधि आपने अपने दादा-दादी से चद्रं मा के बारे में अलग-अलग कविताएँ और कहानियाँ सनु ी होंगी। उन्हें याद करने और अपने सहपाठियों के साथ साझा करने की कोशिश करें — • इस बारे में एक कहानी लिखें कि आपको क्या लगता है कि चद्रं मा पर क्या मिलेगा? • अतं रिक्ष से जडु ़े विभिन्न प्रकार के नए विषय सामने आ रहे हैं, उदाहरण के लिए— अतं रिक्ष कबाड़। ऐसे विषय और उन्हें हल करने के तरीकों के बारे में अधिक जानने की कोशिश करें। • चार छात्रों का एक समहू बनाएँ और चद्रं मा की सतह पर चद्रं यान-3 की लैंडिंग का प्रदर्शन करें । • स्कू लों को चाहिए कि वे अपने छात्रों को किसी भी अतं रिक्ष कें द्र, इसरो मखु ्यालय, लॉन्च स्थलों आदि में वैज्ञानिक भ्रमण पर लेकर जाएँ।

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िवषय

चंद्रयान उ सव

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एफ

हमारा चद्रं यान

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पी

मेरा यारा चदं ा: रानी की खोज

1.3

एम

चद्रं मा पर भारत का अिभयान

1.4

एस

चद्रं यान: चद्रं मा की ओर यात्रा

1.5

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1.6

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भारत के चद्रं िमशन की खोज चद्रं मा की ओर और उससे आगे

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भारत का चद्रं िमशन: चद्रं यान-3 को जान

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चद्रं मा पर भारत

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भारत का अतं िरक्ष िमशन: चद्रं यान

1.10 एचएस

चद्रं यान-3 की भौितकी

अपना चद्रं यान से संबंिधत गितिविधय म भाग लेने के िलए: िविजट कर: www.bhartonthemoon.ncert.gov.in प्रकाशन प्रभाग म सिचव, रा ट्रीय शैिक्षक अनुसंधान और प्रिशक्षण पिरषद,् ी अरिवंद मागर्, नई िद ली 110 016 द्वारा प्रकािशत तथा गीता ऑफ़सेट िप्रंटसर् प्रा. िल., सी–90, एवं सी–86, एवं सी-86, ओखला इडं ि ट्रयल एिरया, फे ़ज़–I, नई िद ली 110 020 द्वारा मिु द्रत ।

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