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Hindi Pages [14] Year 2023
कोड
1.2 पी
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अक्तबू र 2023 अि न 1945 PD 1T RPS
© रा ट्रीय शैिक्षक अनुसध ं ान और प्रिशक्षण पिरषद् 2023
िवषय
चंद्रयान उ सव
1.0
1.1
एफ
हमारा चद्रं यान
1.2
पी
मेरा यारा चदं ा: रानी की खोज
1.3
एम
चद्रं मा पर भारत का अिभयान
1.4
एस
चद्रं यान: चद्रं मा की ओर यात्रा
1.5
एस
1.6
एस
भारत के चद्रं िमशन की खोज चद्रं मा की ओर और उससे आगे
1.7
एस
भारत का चद्रं िमशन: चद्रं यान-3 को जान
1.8
एचएस
चद्रं मा पर भारत
1.9
एचएस
भारत का अतं िरक्ष िमशन: चद्रं यान
1.10 एचएस
चद्रं यान-3 की भौितकी
अपना चद्रं यान से संबंिधत गितिविधय म भाग लेने के िलए: िविजट कर: www.bhartonthemoon.ncert.gov.in प्रकाशन प्रभाग म सिचव, रा ट्रीय शैिक्षक अनुसंधान और प्रिशक्षण पिरषद,् ी अरिवंद मागर्, नई िद ली 110 016 द्वारा प्रकािशत तथा गीता ऑफ़सेट िप्रंटसर् प्रा. िल., सी–90, एवं सी–86, एवं सी-86, ओखला इडं ि ट्रयल एिरया, फे ़ज़–I, नई िद ली 110 020 द्वारा मिु द्रत ।
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अिधक जानकारी के िलए: ईमेल: [email protected] पीमईिवद्या आईवीआरएस: 8800440559
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मेरा प्यारा चंदा रानी की खोज प्राथमिक स्तर
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चद्रं यान उत्सव
एक गाँव में रानी नाम की एक लड़की रहती थी। वह बहुत जिज्ञासु थी और अपने परिवार के सदस्यों, शिक्षकों और दोस्तों से अकसर प्रश्न पछ ू ती रहती थी। दनिय ु ा के रहस्यों के बारे में सोचकर वह आश्चर्यचकित रह जाती। “आकाश नीला क्यों है? रात में सरू ्य कहाँ चला जाता है? फूल अलग-अलग रंग के क्यों होते हैं” आदि। एक शाम, रानी ने अपनी माँ को गाना गाते हुए सनु ा, “चदं ा रे चदं ा रे कभी तो यहाँ पे आ, बैठेंगे बातें करें गे”। यह सनु कर रानी ने अपनी माँ वीणा से पछू ा, “अम्मा, क्या चाँद धरती पर आ सकता है,” यह सनु कर माँ हँस पड़ी। रानी ने अगला सवाल किया, “क्या मैं चाँद पर जा सकती हू?ँ अम्मा, मैं वहाँ जाना चाहती हू,ँ मैं सच में वहाँ जाना चाहती हू!ँ ” वीणा ने कहा, “नहीं रानी, चाँद आसमान में है और बहुत दरू है।” रानी सोचने लगी कि चाँद उससे कितनी दरू है और क्या वह चाँद तक जा सकती है...
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मेरा प्यारा चदं ा: रानी की खोज
चद्रं मा के बारे में और अधिक जानने के लिए, रानी अपने बड़े भाई प्रतीक के पास गई जो पाँचवीं कक्षा में पढ़ता है। रानी ने उससे पछ ू ा, “हम चद्रं मा पर कै से जा सकते हैं?” प्रतीक ने हँसते हुए कहा, “चाँद तो इतना दरू है कि उस तक कोई नहीं पहुचँ सकता।” अगली सबु ह प्रतीक की आवाज सनु कर रानी की नींद खल ु ी, “आओ रानी, यहाँ आओ।” प्रतीक उस समय टीवी देख रहा था। रानी की ओर देखकर प्रतीक फिर चिल्लाया, “देखो रानी, भारत चद्रं मा पर पहुचँ गया है।” उसने प्रतीक को ऐसे देखा मानो कुछ समझ न आया हो। रानी ने देखा कि टीवी पर भारत के चद्रं यान मिशन के बारे में बताया जा रहा है। वैज्ञानिक चद्रं यान मिशन और अपनी सफलता के अनभु वों को साझा कर रहे थे। चाँद पर उतरने की खबर सनु कर वह खश ु हो गई।ं लेकिन वह अभी भी उलझन में थी और प्रतीक से पछ ू ने लगी कि चद्रं मा पर कौन पहुचँ ा है। उसने बताया कि उसके दोस्त विवान की मम्मी नंदिनी आटं ी एक वैज्ञानिक हैं और इस बारे में उनसे अधिक जानकारी मिल सकती है। दोनों भाई-बहन ने उनके घर जाने का फै सला किया। विवान और उसकी मम्मी ने उनका अपने घर में स्वागत किया। रानी ने देखा कि उनके घर में सजावटी वस्तुओ ं के रूप में रॉके ट के कई मॉडल हैं और तस्वीरें लगी हैं। यह देख रानी की खश ु ी का ठिकाना न रहा और वह उनसे सवाल पछू ने लगी, “हम चाँद पर कै से जा सकते हैं, चद्रं यान मिशन क्या है” आदि। नंदिनी बोली, “रानी, पहले शरबत पी लो, फिर मैं तमु ्हें चद्रं मा पर जाने की यात्रा के बारे में विस्तार से बताऊँगी।” बच्चों को शरबत पीकर बहुत आनंद आया। नंदिनी ने पछू ा, “क्या तमु ्हें पता है कि चद्रं मा पर जाने के लिए किस वाहन का उपयोग किया जाता है?” प्रतीक तरु ं त बोला, “मझु े पता है आटं ी, इसके लिए रॉके ट का प्रयोग किया जाता है।” नंदिनी ने प्रतीक की सराहना की। प्रतीक ने कहा, “मैंने उसे टीवी पर देखा था।” रानी ने कमरे में रखे रॉके ट के मॉडलों और तस्वीरों की ओर इशारा किया। नंदिनी ने कहा, “सही कहा। चद्रं मा पर जाने के लिए रॉके ट का उपयोग ही किया जाता है।” 3
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चद्रं यान उत्सव
गतिविधि 1 समाचार पत्र/पत्रिका से चद्रं यान मिशन से सबं ंधित कतरनें एकत्र कर एक कोलाज तैयार करें ।
बच्चे चद्रं मा तक पहुचँ ने के बारे में और अधिक जानने को उत्सुक थे। नंदिनी बोली, “क्या तमु लोग जानते हो कि हमारा देश चद्रं मा पर उतरने वाला चौथा देश है।” रानी ने तरु ं त पछू ा, “भारत से पहले और कौन से देश वहाँ पहुचँ े हैं?” नंदिनी ने उत्तर दिया, “अमेरिका, रूस और चीन भी चद्रं मा पर उतरे और इस खोज को चद्रं मिशन कहा जाता है। भारत के चद्रं मिशन को चद्रं यान नाम दिया गया है। ‘चद्रं ’ का अर्थ है चद्रं मा और ‘यान’ का अर्थ है वाहन। “क्या तमु लोग जानते हो कि भारत में कितने चद्रं यान मिशन लॉन्च किए गए हैं?” वे तीनों एक-दसू रे की ओर देखने लगे। प्रतीक ने कहा 4, विवान ने कहा 5, रानी ने अनमु ान लगाया, “टीवी पर चद्रं यान-3 लिखा था, इसलिए ये तीन हो सकते हैं।” रानी ने जिस तरह से बद्ु धिमानी से अनमु ान लगाया था, उसके लिए नंदिनी ने रानी की प्रशसं ा की और बताने लगीं कि चद्रं यान-1-22 अक्टूबर 2008 को लॉन्च किया गया था। यह भारत का चद्रं मा पर पहला मिशन था। उन्होंने बताया कि चद्रं यान 1, 2 और 3 इन सभी को आध्रं प्रदेश के श्रीहरिकोटा में स्थित सतीश धवन अतं रिक्ष कें द्र (सतीश धवन स्पेस सेंटर—एसडीएससी) से लॉन्च किया गया था। नंदिनी ने पछू ा, “क्या तमु लोगों को पता है कि इस रॉके ट के दो प्रमख ु हिस्से हैं— एक रोवर और दसू रा लैंडर, जो हमें चद्रं मा के बारे में जानकारी देते हैं। यह लैंडर चद्रं मा पर एक निश्चित स्थान पर उतरा और रोवर चद्रं मा पर घमू कर जानकारी एकत्र करे गा।” रानी ने पछू ा, “आटं ी, कै सी जानकारी? क्या चद्रं मा पर लोग रहते हैं?” नंदिनी ने कहा, “बहुत अच्छा प्रश्न है रानी! यह जानकारी एकत्र करता है कि क्या चद्रं मा पर पानी है, क्या चद्रं मा पर पदार्थ हैं, क्या पृथ्वी की तरह वहाँ भी लोग हैं, चद्रं मा की संरचना आदि के बारे में। प्रतीक ने पछू ा, “ यानी कि रोवर तस्वीरें लेता है और उन्हें पृथ्वी पर भेजता है?” नंदिनी बोलीं, “हाँ प्रतीक।” नंदिनी ने इसरो की वेबसाइट से रोवर और लैंडर की एक तस्वीर उन्हें दिखाई।
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मेरा प्यारा चदं ा: रानी की खोज
रैं प पर रोवर
रोवर का लैंडर में इस्तेमाल
उन्होंने तस्वीरों को बहुत ध्यान से देखा और देखकर उत्साहित हो गए। नंदिनी ने बताया, “जैसे आप सभी के नाम हैं, वैसे ही रोवर और लैंडर के भी नाम हैं। इस रोवर का नाम ‘प्रज्ञान’ और लैंडर का नाम ‘विक्रम’ है। जानते हो कि ये नाम क्यों रखे गए हैं?” प्रतीक ने कहा,“जैसे रानी हमारे घर की राजकुमारी है, इसलिए इसका नाम रानी है।” प्रतीक की बात सनु कर सब हँसने लगे। नंदिनी ने कहा, “प्रज्ञान का अर्थ है ‘ज्ञान’ और विक्रम नाम हमारे देश के प्रसिद्ध वैज्ञानिकों में से एक विक्रम साराभाई को श्रद्धांजलि देने के रूप में दिया गया है।” नंदिनी ने बताया कि 14 जल ु ाई, 2023 को भारत ने चद्रं यान-3 लॉन्च करके अतं रिक्ष अनसु ंधान में एक ऐसा महत्वपर्णू मील का पत्थर स्थापित किया है जिसकी उत्सुकता से प्रतीक्षा की जा रही थी और विश्व में एक इतिहास रच दिया। हमारा देश 23 अगस्त, 2023 को चद्रं मा के दक्षिणी ध्रुव के करीब सफलतापर्वू क उतरने वाला पहला देश बन गया और लैंडर और रोवर के साथ चद्रं मा पर सॉफ्ट लैंडिंग करने वाला चौथा देश बन गया। रानी ने पछू ा, “आटं ी, क्या यह बहुत भारी था?” नंदिनी ने कहा, “हाँ, चद्रं यान-3 का वजन 3900 किलोग्राम है।” प्रतीक आश्चर्य से बोला मैं के वल 30 किलो का हू,ँ पिछले महीने डॉक्टर अक ं ल के क्लीनिक में मैंने अपना वजन जाँचा था। वाह, चद्रं यान कितना भारी है!!!” विवान ने पछू ा “मम्मी, रॉके ट का नाम शिव शक्ति है?” नंदिनी ने कहा, “नहीं बेटा, शिव शक्ति हमारे माननीय प्रधानमत्ं री द्वारा चद्रं यान-3 की चद्रं मा पर लैंडिंग के स्थान को दिया गया नाम है और ‘तिरंगा पॉइटं ’ चद्रं यान-2 की चद्रं मा पर लैंडिंग के स्थान के लिए दिया गया नाम है।
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चद्रं यान उत्सव
गतिविधि 2 चंद्रयान मिशन से सबं ंधित दो स्तंभों का मिलान करें। कॉलम ए
कॉलम बी
चद्रं यान-2 प्रज्ञान का लैंडिंग स्पॉट
प्रज्ञान
रोवर
विक्रम
लैंडर
शिव शक्ति
चद्रं यान-3 का लैंडिंग स्पॉट
तिरंगा पॉइटं
नंदिनी ने आगे कहा, “क्या तमु लोगों को पता है कि हमारे प्रधानमत्ं री इसरो के प्रमख ु डॉ. एस. सोमनाथ और इसरो, (भारतीय अतं रिक्ष अनसु ंधान संगठन) की उनकी टीम के वैज्ञानिकों को बधाई देने गए थे, जिन्होंने चद्रं यान-3 मिशन को सफल बनाने के लिए कई वर्षों तक दिन-रात कड़ी मेहनत की थी।” रानी बोली, “वैज्ञानिक कितने खश ु हुए होंगे! वे वास्तव में बहुत उत्साहित हो गए होंगे।” नंदिनी ने कहा, “हाँ बिल्कु ल! वे सभी उत्साहित थे और परू े देश ने चद्रं यान-3 के मिशन की सफलता का जश्न मनाया। प्रधानमत्ं री नरें द्र मोदी ने चद्रं यान-3 की चद्रं मा पर लैंडिंग की उल्लेखनीय उपलब्धि के उपलक्ष्य में 23 अगस्त को राष्ट्रीय अतं रिक्ष दिवस (नेशनल स्पेस डे) घोषित किया। 6
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मेरा प्यारा चदं ा: रानी की खोज
उन्होंने आगे कहा, “बच्चो, सफलता आसानी से नहीं मिलती। चद्रं यान-2 एक छोटी सी त्रुटि के कारण अपने लक्ष्य को परू ी तरह से हासिल नहीं कर सका था। चद्रं यान-2 को चद्रं मा के दक्षिणी ध्रुव का अध्ययन करने के लिए 22 जल ु ाई, 2019 को लॉन्च किया गया था, जिसे इससे पहले किसी देश ने नहीं भेजा था। हालाँकि, अतं रिक्ष यान से संपर्क टूट जाने की वजह से विक्रम लैंडर सचु ारू रूप से सॉफ्ट-लैंडिंग करने में विफल रहा जिसके कारण चद्रं यान-2 सफल नहीं हो पाया। वैज्ञानिक इस हद तक निराश हो गए थे कि इसरो के तत्कालीन अध्यक्ष डॉ. के सिवन हमारे प्रधानमत्ं री के कंधे पर सिर रखकर रो पड़े थे।
प्रधानमत्ं री के समर्थन के साथ उस चनु ौतीपर्णू समय में परू ा देश वैज्ञानिकों के साथ खड़ा हो गया था। हमारे माननीय प्रधानमत्ं री ने वैज्ञानिकों को प्रेरित करते हुए कहा, “आज की सीख हमें मजबतू और बेहतर बनाएगी; एक नई सबु ह होगी।” उन्होंने भारतीय वैज्ञानिकों की क्षमता पर विश्वास दिखाया था और चद्रं यान-3 की सफलता हमारे देश के प्रतिष्ठित नेततृ ्व की दरू दर्शिता और वैज्ञानिक समदु ाय की प्रतिबद्धता और कड़ी मेहनत का परिणाम है। जब चद्रं यान-3, चद्रं यान-2 ऑर्बिटर के पास पहुचँ ा, तो उसने “वेलकम बडी,”(स्वागत है दोस्त) संदश े के माध्यम से चद्रं यान-3 लैंडर विक्रम का औपचारिक रूप से स्वागत किया था।
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चद्रं यान उत्सव
आइए साझा करें जब आपका दोस्त खश ु नहीं होता तो आपको कै सा लगता है और आप क्या करते हैं?
सभी बच्चे नंदिनी की बातों को बहुत ध्यान से सनु रहे थे। अचानक प्रतीक बोला, “मेरा देश महान।” सभी जोर-जोर से चिल्लाए—“हमारा देश महान।” नंदिनी ने कहा, “इसरो ने एक संदश े के जरिए चद्रं मा पर सफल लैंडिंग की घोषणा की, “मैं अपनी मजि ं ल पर पहुचँ गया और आप भी!” और इसलिए यह सफलता हर भारतीय की है। हमें अपने देश पर गर्व होना चाहिए। चद्रं यान मिशन की परू ी प्रक्रिया सनु कर रानी बहुत खश ु हुई।
प्रतीक और रानी ने चद्रं यान मिशन को इतनी खबू सरू ती से समझाने के लिए नंदिनी आटं ी का धन्यवाद किया। घर पहुचँ ने के बाद भी रानी इसके बारे में सोचती रही और अतत ं ः उसे नींद आ गई। सोते-सोते उसे एक सपना आया जिसमें उसने खदु को एक वैज्ञानिक के रूप में देखा। उसने सपने में चद्रं मा की खोज की और जिस स्थान पर वह उतरी थी वहाँ उसने स्वयं को ‘तिरंगा’ लगाते हुए देखा।
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मेरा प्यारा चदं ा: रानी की खोज
चद्रं मा पर चद्रं यान-3 लैंडर 30 अगस्त, 2023
अगले दिन रानी जब उठी तो उसके चेहरे पर एक बड़ी-सी मसु ्कान थी। उसने घर में सबको अपने सपने के बारे में बताया और बोली, “मैं वैज्ञानिक बनने के लिए कड़ी मेहनत करूँ गी और अपने देश को गौरवान्वित करूँ गी।” उसने ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ मनाते हुए घर में रखे तिरंगे को पकड़कर दौड़ना शरू ु कर दिया, जो स्वतंत्रता दिवस समारोह के हिस्से के रूप में भारत सरकार के ‘हर घर तिरंगा अभियान’ के लिए खरीदा गया था। दीवार पर उसकी ‘तिरंगे के साथ
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चद्रं यान उत्सव
सेल्फी’ वाली तस्वीर टंगी हुई लगी थी। उसे भारतीय होने पर बहुत गर्व महससू हुआ। अगले दिन जब वह स्कू ल गई तो उसने अपने दोस्तों और शिक्षकों को चद्रं यान मिशन के बारे में बताया। रानी की बात सनु कर उसके शिक्षकों और दोस्तों को बहुत खश ु ी और गर्व महससू हुआ।
•
गतिविधि 3 चद्रं यान के अलग-अलग हिस्से बनकर अपने दोस्तों के साथ अभिनय करें ।
• शिक्षकों की सहायता से रॉके ट पर एक मॉडल तैयार करें । •
‘चद्रं यान’ पर एक कविता बनाएँ और गाएँ।
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हमारा चद्रं यान
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मेरा यारा चदं ा: रानी की खोज
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चद्रं मा पर भारत का अिभयान
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चद्रं यान: चद्रं मा की ओर यात्रा
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भारत के चद्रं िमशन की खोज चद्रं मा की ओर और उससे आगे
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भारत का चद्रं िमशन: चद्रं यान-3 को जान
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चद्रं मा पर भारत
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भारत का अतं िरक्ष िमशन: चद्रं यान
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